Friday 16 January 2015

किताबें : सच्ची मित्र ...

आपने अक्सर सुना होगा की पढाई एक तपस्या है, जिसने यह तपस्या पूरी कर ली, वह समझो सागर को पार कर गया | मेरे इस विषय अर्थात् किताबें सबसे अच्छी व सबसे सच्ची दोस्त का अभिप्राय क्या है ,चलिए इस तथ्य का पता लगाने की एक छोटी सी कोशिश साथ मिलकर करते है | किताबें, सच्ची मित्र किस प्रकार से है, इससे पहले हमें यह जानना है कि सच्चा मित्र आखिर कौन होता है, क्या है इस शब्द का अभिप्राय | बात यह है कि मित्रता मेरे व्यक्तिगत जीवन का एक अभिन्न व बहुमूल्य अंग है | ऐसा कब, कहाँ और कैसे हुआ अगर इसकी बात करेंगे तो एक नयी कहानी बन जाएगी तो अभी इस बात को छोड़कर इस तथ्य पर विचार करते है कि क्यों न दोस्ती की शुरुआत किताबो से ही की जाए | सच्चा दोस्त : एक एहसास जिसमे विश्वास होता है कि हम कितनी भी बड़ी मुसीबत में क्यों न हो ,वह हम पर विश्वास व् हमारी मदद जरूर करेगा, इसी प्रकार किताबो पर लिखा ज्ञान हमें हर पल हर मुसीबत से बाहर खींचता है | जितना आप अपने इस नए दोस्त के साथ समय बिताओगे उतनी ही दोस्ती गहरी और अटूट होती जाएगी | कभी कभी तो रात रात भर वार्तालाप चलती रहती है ,कहीं कहीं बहस भी शुरू हो जाती है, कभी कभी गीतों के साथ आप अपने इस नए दोस्त के संग किसी गहरे विषय में उलझे होगे | कई सवाल उठेंगे कई जवाब मिलेंगे | एक बार रात भर जाग कर तो देखो अपने इस नए दोस्त के साथ , सर्वमान्य तथ्य है कि ऐसी आनंद की प्राप्ति आपको जीवन में कभी न होगी | ऊंच –नीच, जात-पात से ऊपर उठकर होती है ये दोस्ती | जब कभी आप अपने इस नए मित्र को पर्याप्त समय नहीं दे पाओगे तो आपको स्वयं आभास होगा की आज कुछ छूट रहा है कुछ कमी सी है, जैसे जिन्दगी हथेली से छूट रही हो जैसे कोई ट्रेन छूट रही हो | बहुत सी नयी चीजे सीखने को मिलेगी आपको | आप असल में स्वयं को पहचान पाओगे, खुद से मिल पाओगे | जिस पल आपकी किताबो से सच्ची मित्रता हो गयी ,उस दिन से न ही पढाई बोझ लगेगी और न ही तपस्या | बस एक कर्तव्य का आभास होगा  आपको अपने इस नए दोस्त के प्रति | एक प्रेम एक लगाव की अनुभूति होगी और आपका यह नया दोस्त आपको उस ऊंचाई तक पहुंचा देगा, जहाँ सम्पूर्ण संसार आपके कदमो तले हो |


                                                                   - सौम्या त्रिपाठी

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