Tuesday 15 April 2014

जुस्तुजू



अभी तो दिल में हल्की सी
खलिश महसूस होती है,
बहुत मुमकिन है कल इस का
मोहब्बत नाम हो जाये |

ख्यालो में ये कौन आया
सितारों की चमक लेकर ,
मेरे साहों पे बिखरे है ,
यह किस के ज़ुल्फ़ के साये,
बहुत मुमकिन है कल इस का
मोहब्बत नाम हो जाए |

यह कैसी बेखुदी है ,
दिल में कैसा खौफ छाया है ,
यह मेरी जगती आँखों मैं
कैसे ख्वाब लहराए ,
बहुत मुमकिन है कल इस का
मोहब्बत नाम हो जाए |

रुकी है जिंदगी एक
मुस्कराते मोड़ पे आ कर ,
कहीं ये मुस्कराहट
जिंदगी का ग़म न बन जाये ,
बहुत मुमकिन है कल इस का
मोहब्बत नाम बन जाए.....



आरजू



मेरी हर एक अदा में छुपी थी मेरी तम्मना .

तुम ने महसूस न की ये और बात है ,

  
मैंने हर दम तेरे ही ख्वाब देखे ,

मुझे ताबीर न मिली ये और बात है,



मैंने जब भी तुझसे बात करना चाही,

मुझे अल्फाज़ ना मिले ये और बात है,



मै मेरी तम्मना के समंदर मैं दूर तक निकला ,

मुझे साहिल ना मिला ये और बात है,



कुदरत ने लिखा था तुझे मेरी तम्मना में,

तेरी किस्मत मैं ना था ये और बात है……