Monday 21 September 2015

रक्तदान जीवनदान


विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर साल १४ जून को रक्तदान दिवस मनाया  जाता है | ‘रक्तदान महादान है’ – नामक कई पंक्तिया आज भी देश में प्रचलित हैं | हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को जीवन प्रदान करता हैं| इस बात का एहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिन्दगी और मौत के पालने में झूल रहा होता है उस वक्त हम नींद से जागते है उसे बचने हेतु रक्त के इंतजाम की जद्दोजहद  करते है |

अनायास दुर्घटना या बीमारी का का शिकार हम में से कोई भी हो सकता है | आज हम सभी शिक्षित व् सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरो की भलाई के लिए भी सोचते है तो क्यों नही हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करे उर लोगो को जीवनदान दे |

सभ्यता के विकास की दौड़ में मनुष्य भले ही कितना आगे निकल जाए , पर जरूरत पर आज भी एक मनुष्य भी दुसरे को अपना रक्त देने में हिचकिचाता है | विश्व स्वाथ्य संगठन के मानक के तहत भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत है लेकिन उपलभ ७५ लाख यूनिट ही हो पता है यानी करीब २५ लाख यूनिट के अभाव में हर साल सैकड़ो या लाखो मरीज दम तोड़ते है |
रक्तदान के विषय में  अ. बि. वा. भारतीय सूचना प्रोद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान , ग्वालियर के द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में बहुत से विद्यार्थियों ने अपना रक्त देकर अपने देश में रक्त की जरूरतमंदों को नयी जिन्दगी प्रदान की |

देशभर में रक्त हेतु नाको,रेडक्रास जैसी कई सन्थाए लोगो में रक्तदान के प्रति जागरूकता फ़ैलाने का प्रयास कर रही है परन्तु इनके प्रयास तभी सार्थक होंगे जब हम स्वंय रक्त दान के लिए आगे आयेंगे व् औरों को भी इसके लिए प्रेरित  करेंगे |

“हजारों वर्षों तक इंसान ने इंसान का खून बहाया,
धरती के इतिहास में पहली बार मौका आया कि

इंसान का खून इंसान के काम आया | “

-अंकिता यादव

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