Wednesday 30 September 2015

गणेश महोत्सव





 देश में गणेश चतुर्थी का पर्व हर्ष एवम उलास के साथ  मनाया जाता  है | हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष

भाद्रपद मास के शुक्ल चतुर्थी को हिन्दुओं का प्रमुख पर्व गणेश चतुर्थी मनाया जाता है | गणेश पुराण में वर्णित

कथाओं के अनुसार इसी दिन समस्त विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले , कृपा के सागर तथा भगवान

शंकर और माता पार्वती के पुत्र श्रीगणेश जी का आविर्भाव हुआ था |

भगवान विनायक के जन्मदिवस पर मनाया जाने वाला यह महापर्व भारत के सभी प्रान्तों में हर्षोल्लास

पूर्वक और भव्य तरीके से आयोजित किया जाता है | इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व अबिवा-भारतीय

सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान , ग्वालियर में भरपूर हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है | देश के

लगभग सभी शहरों और गाँवों में जगह जगह मूर्तियों को स्थापित किया जा रहा है |

भगवान श्रीगणेश का हमारे जीवन में कितना धार्मिक महत्त्व है यह इसी बात से समझा जा सकता है कि

किसी भी शुभ कार्य के प्रारंभ में उनका स्मरण किया जाता है | शास्त्रों में दिलचस्पी रखने वाले आचार्य

आख्यानंद कहते हैं कि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है | उन्हें बुद्धि , समृद्धि और वैभव का

देवता मानकर उनकी पूजा कि जाती है |

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ 

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा |

-अंकिता यादव 

Monday 21 September 2015

साक्षरता अभियान


शिक्षा का मकसद है एक खाली दिमाग में परिवर्तन करना | साक्षरता अर्थात पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना होना | आज विश्व के सामने कई  मुसीबतें मुँह खोले पड़ी है, जिनमे सर्वाधिक गंभीर है अशिक्षा |

शिक्षा के महत्व को समझते हुए विश्व का हर देश अपनी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त  करने के लिए सभी तरह के तिकड़म अपनाता है | भारत में भी कुछ लोगो ने बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का बेड़ा उठाया है और Make a Difference नाम की मुहीम उठाई है | जो भारत के पुरे २३ शहरो में जारी है जिससे जरूरतमंदो को शिक्षा प्रदान करते है एवं उन्हें  जीवन जीने का एक बेहतर  सिखाया जाता है |

जब से Make a Difference ने यह बेड़ा उठाया है | तब से भारत कि साक्षरता बढी है| make a difference मे असाक्षरता को पिछे धकेलने हेतु बहुत से प्रयास किये है अतः वे सफ़ल रहे है अतः इसके अनतरगत Back-A-Thon नाम से आयोजन करवाया गया जिसके अंतर्गत बहुत से विद्यार्थीयो व बहुत लोगो ने पीछे चलकर असाक्षरता को पिछे धकेलने का प्रयास किया व बच्चों शिक्षा कि ओर अग्रसर किया |


“उचतम शिक्षा वह नही है जो आपको मात्र सुचनाए प्रदान करती है, उच्चतम शिक्षा वह है जो आपको सम्पुर्ण अस्तित्व और एक बेहतर भविष्य व एक बेहतर इन्सान बनाती है |”

-अंकिता यादव

रक्तदान जीवनदान


विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर साल १४ जून को रक्तदान दिवस मनाया  जाता है | ‘रक्तदान महादान है’ – नामक कई पंक्तिया आज भी देश में प्रचलित हैं | हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को जीवन प्रदान करता हैं| इस बात का एहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिन्दगी और मौत के पालने में झूल रहा होता है उस वक्त हम नींद से जागते है उसे बचने हेतु रक्त के इंतजाम की जद्दोजहद  करते है |

अनायास दुर्घटना या बीमारी का का शिकार हम में से कोई भी हो सकता है | आज हम सभी शिक्षित व् सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरो की भलाई के लिए भी सोचते है तो क्यों नही हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करे उर लोगो को जीवनदान दे |

सभ्यता के विकास की दौड़ में मनुष्य भले ही कितना आगे निकल जाए , पर जरूरत पर आज भी एक मनुष्य भी दुसरे को अपना रक्त देने में हिचकिचाता है | विश्व स्वाथ्य संगठन के मानक के तहत भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत है लेकिन उपलभ ७५ लाख यूनिट ही हो पता है यानी करीब २५ लाख यूनिट के अभाव में हर साल सैकड़ो या लाखो मरीज दम तोड़ते है |
रक्तदान के विषय में  अ. बि. वा. भारतीय सूचना प्रोद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान , ग्वालियर के द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में बहुत से विद्यार्थियों ने अपना रक्त देकर अपने देश में रक्त की जरूरतमंदों को नयी जिन्दगी प्रदान की |

देशभर में रक्त हेतु नाको,रेडक्रास जैसी कई सन्थाए लोगो में रक्तदान के प्रति जागरूकता फ़ैलाने का प्रयास कर रही है परन्तु इनके प्रयास तभी सार्थक होंगे जब हम स्वंय रक्त दान के लिए आगे आयेंगे व् औरों को भी इसके लिए प्रेरित  करेंगे |

“हजारों वर्षों तक इंसान ने इंसान का खून बहाया,
धरती के इतिहास में पहली बार मौका आया कि

इंसान का खून इंसान के काम आया | “

-अंकिता यादव