भारतीय स्वतंत्रता संग्रांम
के अनेक अध्याय है जिसमे जलियावाला नरसंहार से लेकर सत्याग्रह तक अनेक ह्रदय को
कपा देने वाली घटनाएँ सम्मिलित है | यह पर्व सम्पूर्ण भारत में अनूठे समर्पण और
अपार देशभक्ति की भावना को जागृत करता है |
सदियों पहले से ६८ वर्ष पूर्व तक अंग्रेज़ो
के अत्याचार और अमानवीय व्यवहारों से त्रस्त भारतीय जनता अपने अधिकारों से वंचित
रही हैं | अपितु हमारे महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत से भूख,
ग़रीबी, लाचारी को धरती से मिटाकर सब भारतवासियों को बंद पिंजरे से निकालकर आकाश
में उड़ाने भरने के लिए आज़ाद कर दिया | आज़ादी कहें या स्वतंत्रता ये ऐसा शब्द हैं
जिसमें पूरा आसमां समाया हैं |
इस वर्ष भारत ब्रिटिश उपनिवेश शासन से
हमारी आज़ादी की ६९वी वर्षगांठ मना रहा हैं | स्वतंत्रता दिवस ऐसा पर्व है जब हम
अपने शहीदों को श्रधांजलि अर्पित करते हैं | जिन्होंने विदेशी नियंत्रण से भारत को
आज़ाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी | आज़ हम जिस खुली फिज़ा में सांस
लेते है वो हमारे पूर्वजों के त्याग और बलिदान का परिणाम हैं | हमारी आज़ादी की लड़ाई
ताक़त और रक्त रंजित प्रयोगों से नहीं अपितु सत्य और अहिंसा के परम सिद्धांतो के माध्यम
से अर्जित की गयी | यह स्वतंत्रता के
संघर्ष के इतिहास में एक अनोखा अभियान था |
अनेक विधियों की सरलता को भारतीय जनता ने
समर्थन दिया तथा स्थानीय अभियान शीघ्र ही उपनिवेश शक्तियों के नियंत्रण में नहीं
रहेगा | जैसे ही मध्य रात्रि हुई और जब दुनिया सो रही थी भारत ज़ाग रहा था | एक ऐसा
पल आया जो इतिहास में दुर्लभ है, जब हम पुराने युग से नए युग की ओर जाते हैं............क्या
हम इस अवसर का लाभ उठाने हेतू पर्याप्त बहादुर और बुद्धिमान है और क्या हम भविष्य
की चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार हैं?
भारत के नागरिक के रूप में, हमे अपनी
स्वर्ण अतीत पर गर्व हैं | आज़ एक सच्चा देशभक्त, श्रेष्ठ मानव संसाधन के रूप में विकास,
प्रगति और अपने राष्ट्र के उत्थान में सर्वाधिक भूमिका अदा करता हैं |
हर वक़्त मेरी आँखों में धरती का
स्वप्न हो,
जब कभी मरू तो तिरंगा मेरा कफ़न
हों |
और कोई ख्वाहिश नही ज़िंदगी में,
जब कभी मरू तो भारत मेरा वतन हो ||
wow,that's really great lines
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ReplyDeleteGood work Keep it Up
ReplyDeletewell done :)
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