मेरी हर एक अदा में छुपी थी
मेरी तम्मना .
तुम ने महसूस न की ये और
बात है ,
मैंने हर दम तेरे ही ख्वाब
देखे ,
मुझे ताबीर न मिली ये और
बात है,
मैंने जब भी तुझसे बात करना
चाही,
मुझे अल्फाज़ ना मिले ये और
बात है,
मै मेरी तम्मना के समंदर
मैं दूर तक निकला ,
मुझे साहिल ना मिला ये और
बात है,
कुदरत ने लिखा था तुझे मेरी
तम्मना में,
तेरी किस्मत मैं ना था ये
और बात है……
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