Sunday, 2 February 2014
दिल का पैगाम
हर बार दिल से ये पैगाम आए ;
जुबा खोलू तो तेरा ही नाम आए ;
तुम ही क्यू भाये दिल को क्या मालूम;
जब नजरो के सामने हसीन तमाम आए
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