हर बाल की खाल की ये छाल भी खा जाए
जिसके हाथ पड़ जाए तो महीने साल भी खा जाए
किसी बेहाल का बचा हाल जो हाल खा जाए
बैमोत मरते मन का ये मलाल खा जाए
लालू का लाल खा जाए ,
नक्सवादी की नाल खा जाए
बचपन का दमाल खा जाए,
बुढ़ापे की शाल खा जाए ,
हया तो छोड़ो बेहया की भी चाल खा जाए ,
और अगर परोसा जा सके तो ख्याल भी खा जाए |
जिसके हाथ पड़ जाए तो महीने साल भी खा जाए
किसी बेहाल का बचा हाल जो हाल खा जाए
बैमोत मरते मन का ये मलाल खा जाए
लालू का लाल खा जाए ,
नक्सवादी की नाल खा जाए
बचपन का दमाल खा जाए,
बुढ़ापे की शाल खा जाए ,
हया तो छोड़ो बेहया की भी चाल खा जाए ,
और अगर परोसा जा सके तो ख्याल भी खा जाए |
No comments:
Post a Comment